कौन हैं ये व्यक्ति जिनको सिर्फ RENT से मिलता है 769 करोड़ रूपए?
जानिए कैसे बिहार के किशनगंज के इस युवा ने भारत के सबसे प्रतिष्ठित बिजनेस ग्रुप में से एक का निर्माण किया।
SATTVA ग्रुप के MD बिजय अग्रवाल बिहार के छोटे शहर किशनगंज से ताल्लुक रखते हैं
बिजय अग्रवाल का जन्म बिहार के किशनगंज में हुआ। उनके माता-पिता 1965 में बांग्लादेश से भारत आए थे। बिजय ने अपने जीवन की शुरुआत सामान्य परिस्थितियों में की थी।
दसवीं की पढ़ाई के बाद, बिजय पश्चिम बंगाल के रानीगंज चले गए और बाद में कोलकाता में फाइनेंस कॉरपोरेशन में काम करने लगे। यहीं से उनकी कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में एंट्री हुई।
दसवीं की पढ़ाई के बाद, बिजय पश्चिम बंगाल के रानीगंज चले गए और बाद में कोलकाता में फाइनेंस कॉरपोरेशन में काम करने लगे। यहीं से उनकी कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में एंट्री हुई।
साल 1993 में बिजय अग्रवाल ने बेंगलुरु में अपनी पहली प्रॉपर्टी खरीदी। मनी चैंबर्स प्रोजेक्ट को समय पर पूरा कर उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों को किराए पर दे दिया।
बिजय ने इंटेल के लिए एक कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट सिर्फ 67 दिनों में पूरा किया, जबकि उन्हें इसके लिए 90 दिन का समय मिला था। यह उनके तेजी से काम पूरा करने की क्षमता को दर्शाता है।
बिजय अग्रवाल की हैदराबाद स्थित बिल्डिंग की 9 मंजिलें दुनिया के प्रमुख बैंक गोल्डमैन सैक्स ने 4.14 करोड़ रुपये प्रति महीने के किराए पर 117 महीने के लिए लीज़ पर ली हैं।
सत्वा ग्रुप के पास 55.4 मिलियन स्क्वायर फुट बिल्ट अप एरिया है और 2021 में इस कंपनी ने सिर्फ किराए से 761 करोड़ रुपये कमाए। कंपनी के किरायेदारों में जेपीएमसी, माइक्रोसॉफ्ट, नोवर्टिस और गूगल शामिल हैं।
देवभूमि रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड सत्वा ग्रुप की एक विशेष परपज व्हीकल कंपनी है, जो प्रमुख प्रॉपर्टी डील्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बिजय अग्रवाल की नेटवर्थ 2021 में 4170 करोड़ रुपये थी। उनके नेतृत्व में सत्वा ग्रुप ने बेंगलुरु और हैदराबाद में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
यह वेब स्टोरी बिजय अग्रवाल के सफल उद्यमी जीवन को दर्शाती है, जिससे अन्य लोग प्रेरणा ले सकते हैं।