
आज, 23 जुलाई को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश करेंगी। यह बजट सुबह 11 बजे संसद में पेश किया जाएगा। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार का बजट सैलरीड क्लास के लिए कई राहतें लेकर आएगा। टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीदें जताई जा रही हैं, जिससे मिडिल क्लास को बड़ी छूट मिल सकती है।
टैक्स स्लैब में बदलाव की संभावनाएं
विशेषज्ञों के अनुसार, नई टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स स्लैब और टैक्स दरों में बदलाव की संभावना है। हालांकि, पुरानी टैक्स रिजीम में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा, क्योंकि सरकार नई टैक्स व्यवस्था को ही बढ़ावा देना चाहती है। वर्तमान में, नई टैक्स रिजीम के तहत बेसिक छूट की सीमा 3 लाख रुपये है, जिसे पिछले साल बजट में निर्धारित किया गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए। इसके अलावा, 7 लाख रुपये की छूट सीमा को भी 8 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि की उम्मीद
इस बार के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किए जाने की संभावना है। अगर यह ऐलान होता है, तो लोगों को नई टैक्स रिजीम अधिक आकर्षक लग सकती है, और वे इसे अपना सकते हैं।
ग्रीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी सेक्टर्स को बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बाहर अपने मीडिया संबोधन में कहा कि यह बजट देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने की नींव रखेगा। इसलिए, इस बजट में ग्रीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी से जुड़े सेक्टर्स के लिए बड़े ऐलान हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने युवाओं, किसानों और महिलाओं को भी सामर्थ्यवान बनाने की बात कही, जिससे इन समूहों के लिए भी विशेष योजनाओं की उम्मीद की जा रही है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24: GDP वृद्धि और अन्य महत्वपूर्ण बातें
सोमवार को पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024 में देश की अर्थव्यवस्था 8.2% की रफ्तार से बढ़ी है। इसके अनुसार, FY25 में देश की GDP 6.5-7% के बीच रहने की संभावना है। आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था ने कई जियो पॉलिटिकल चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2023 में अपनी रफ्तार बनाए रखी और इसे वित्त वर्ष 24 में भी आगे बढ़ाया।
चालू खाता घाटा और बैंकों की स्थिति में सुधार
FY24 के दौरान चालू खाता घाटा (CAD) GDP का 0.7% रहा है, जो कि FY23 के दौरान 2% था। यह सुधार चालू खाता घाटे में महत्वपूर्ण सुधार को दर्शाता है। इसके अलावा, सरकार की प्रतिबद्धता एक स्वस्थ और स्थिर बैंकिंग सिस्टम को लेकर रही है, जिससे बैंकों के क्रेडिट में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिली है। ग्रॉस और नेट NPA कई साल के निचले स्तरों पर चले गए हैं और बैंकों की एसेट क्वालिटी में भी सुधार हुआ है।
निष्कर्ष
इस बार का आम बजट कई महत्वपूर्ण घोषणाओं और सुधारों की उम्मीद लेकर आया है। मिडिल क्लास को टैक्स में राहत मिलने की संभावना है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सकता है। इसके साथ ही, ग्रीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी सेक्टर्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई योजनाएं पेश की जा सकती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के साथ-साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।