Tradesee

INDEX FUND में निवेश का रुझान: मंथली SIP में 5% की हिस्सेदारी, रिटेल इन्वेस्टर्स का भरोसा बढ़ा

रिटेल निवेशकों का बढ़ता रुझान

वर्तमान में MUTUAL FUND में रिटेल निवेशकों का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है। जुलाई 2024 में पहली बार SIP (SYSTEMATIC INVESTMENT PLAN) प्रवाह ने 1,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया। आंकड़े बताते हैं कि निवेशकों में कम लागत वाले विकल्पों को लेकर जागरूकता और रुचि में वृद्धि हुई है। विशेष रूप से INDEX FUND, जो बाजार सूचकांकों का अनुसरण करते हैं, अब मंथली SIP में लगभग 5% योगदान कर रहे हैं, जो कि एक साल पहले 3.5% था। इससे यह साबित होता है कि निवेशकों में पैसिव निवेश साधनों की लोकप्रियता बढ़ रही है।

INDEX FUND में निवेश का रुझान: मंथली SIP में 5% की हिस्सेदारी, रिटेल इन्वेस्टर्स का भरोसा बढ़ा
इंडेक्स फंड में निवेश का रुझान: मंथली SIP में 5% की हिस्सेदारी, रिटेल इन्वेस्टर्स का भरोसा बढ़ा

इंडेक्स फंड में वृद्धि: आंकड़े और रुझान

सितंबर 2024 तक, एसआईपी प्रवाह में इंडेक्स फंड का निवेश लगभग दोगुना होकर 1,158 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो कि पिछले साल सितंबर में 556 करोड़ रुपये था। इस वित्त वर्ष में म्यूचुअल फंड कंपनियां NFO (न्यू फंड ऑफरिंग) के माध्यम से निवेशकों के लिए नई योजनाएं लॉन्च कर रही हैं। यह नए निवेशकों को सरल और लागत-कुशल साधनों की ओर आकर्षित कर रहा है।

पिछले 12 महीनों में INDEX FUND के निवेश फोलियो में 85% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे सक्रिय खातों की संख्या 11.2 मिलियन तक पहुंच गई है। अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 तक इस अवधि में इंडेक्स फंड्स का एयूएम (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) 47% की वृद्धि के साथ 2.7 ट्रिलियन रुपये पर आ गया है। यह दर्शाता है कि इंडेक्स फंड्स निवेशकों के बीच न केवल लोकप्रिय हो रहे हैं बल्कि उनके पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं।

SMALL और MIDCAP सेगमेंट की स्थिति

स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट में सक्रिय फंड की बेहतर परफॉर्मेंस अब भी देखी जा सकती है। परंतु बड़े और स्थिर लार्ज कैप सेगमेंट में निफ्टी नेक्स्ट 50, निफ्टी अल्फा 50 और निफ्टी 200 मोमेंटम 30 जैसे इंडेक्स फंड्स और ETF पिछले एक वर्ष के रिटर्न टेबल में शीर्ष पर हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि निवेशकों में यह विश्वास बढ़ रहा है कि लंबे समय तक इंडेक्स फंड्स निवेश का एक स्थिर साधन साबित हो सकते हैं।

PASSIVE FUND की लोकप्रियता का कारण

कोविड-19 महामारी के बाद पैसिव फंड्स में निवेशकों का झुकाव काफी बढ़ा है। इसका प्रमुख कारण कम लागत और फंड मैनेजर के हस्तक्षेप के बिना निवेश का विकल्प होना है। मार्च 2020 में PASSIV FUND का एयूएम 1.6 ट्रिलियन रुपये था, जो अब बढ़कर 11.5 ट्रिलियन रुपये हो गया है। पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों ने पाया कि पैसिव फंड्स में फंड मैनेजर पर निर्भरता नहीं होती, जिससे निवेश प्रक्रिया सरल और कम लागत वाली हो जाती है।

निवेश का आसान और विश्वसनीय विकल्प

PASSIVE FUND की ओर रिटेल निवेशकों का बढ़ता रुझान म्यूचुअल फंड कंपनियों को नए एनएफओ के माध्यम से इन विकल्पों को पेश करने के लिए प्रेरित कर रहा है। मौजूदा समय में, यह निवेशकों के लिए कम लागत पर स्थिर और प्रेडिक्टेबल रिटर्न प्राप्त करने का एक अच्छा विकल्प बन गया है। निवेशक अब लंबी अवधि के लिए इंडेक्स फंड्स और ईटीएफ को अपने पोर्टफोलियो का हिस्सा बना रहे हैं, जिससे उन्हें बाजार की वृद्धि का लाभ प्राप्त होता है

निवेशकों के लिए संभावनाएं और जोखिम

हालांकि, निवेशकों को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि PASSIVE FUND में बाजार की उतार-चढ़ाव का प्रभाव सीधे उनके निवेश पर पड़ता है। जबकि यह लंबी अवधि में लाभकारी साबित हो सकता है, लेकिन जोखिम भी शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि पैसिव फंड्स में निवेश एक स्थिर रिटर्न देने वाला विकल्प हो सकता है, परंतु इसे लंबे समय तक बनाए रखना और बाजार के मूवमेंट को समझना भी आवश्यक है।

निष्कर्ष

भारतीय निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड्स में पैसिव फंड्स का चलन अब मजबूत हो चुका है। मौजूदा आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आने वाले समय में इंडेक्स फंड्स का प्रभाव और भी अधिक बढ़ सकता है।


Leave a Comment