SHARK TANK INDIA में धूम मचाने आए युवा, FOMO ड्रिंक से जीता निवेशकों का दिल और डील
गौरांग और अविक, दो दोस्त, जिनकी उम्र सिर्फ 21 साल है, ने अपने कॉलेज के दिनों में एक ऐसा सपना देखा, जो आज उन्हें शार्क टैंक इंडिया के मंच तक ले आया। एक तरफ गौरांग ने लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलोर से मास्टर्स कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अविक, आईआईएम स्टो से एग्जीक्यूटिव एमबीए कर रहे हैं। दोनों का सपना था एक ऐसा ब्रांड बनाने का, जो सिर्फ उनकी खुद की जरूरतों को ही नहीं, बल्कि आज के युवाओं की जीवनशैली को भी कंप्लीमेंट कर सके।
स्टार्टअप की दुनिया में, जब जुनून और विचार मिलते हैं, तो एक नई कहानी जन्म लेती है। ऐसी ही एक कहानी है ‘FOMO’ की, जिसे दो युवा और होनहार उद्यमियों, गौरांग गाड़िया और अविक द्वारा शुरू किया गया। ये कहानी न केवल एक उत्पाद के विकास की है, बल्कि एक विचारधारा, एक ट्रेंड और जीवनशैली के प्रति समर्पण की है।गौरांग और अविक, दोनों 21 साल के हैं और बिजनेस लॉ और एग्जीक्यूटिव एमबीए में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कॉलेज के तीसरे वर्ष में, जब वे मार्केट में एक ऐसा उत्पाद ढूंढने निकले जो न केवल ताजगी दे बल्कि उसमें कोई हानिकारक तत्व न हो, तब उन्हें यह महसूस हुआ कि बाज़ार में बेचे जा रहे अधिकतर पेय पदार्थों में केवल खाली कैलोरीज़ होती हैं। उन्होंने देखा कि बाजार में उपलब्ध अधिकांश आइस टी में वास्तविक चाय की मात्रा न के बराबर थी। यही उनकी प्रेरणा बनी और उन्होंने FOMO की शुरुआत की।
शार्क्स के ऑफर्स:
शार्क्स ने गौरांग और अविक के बिजनेस मॉडल और उनके जुनून को देखकर कई ऑफर दिए। अनुपम ने कहा, “मुझे लगता है कि आप दोनों में सीखने की क्षमता है और आप अपने बिजनेस को सही दिशा में ले जा सकते हैं। मैं आपको 35 लाख रुपये के लिए 7% इक्विटी का ऑफर देता हूं।”
रितेश और अमन ने भी अनुपम के ऑफर को मैच करते हुए कहा, “हम भी आपको 35 लाख रुपये के लिए 7% इक्विटी का ऑफर देते हैं। हमें आपके बिजनेस मॉडल और आपके प्रोडक्ट पर पूरा भरोसा है।”
FOMO का निर्माण
FOMO की शुरुआत साधारण से विचार से हुई – एक ऐसा पेय पदार्थ तैयार करना जो न केवल ताजगी दे, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी लाभकारी हो। दोनों दोस्तों ने महसूस किया कि बाजार में खाली कैलोरीज वाली ड्रिंक्स की भरमार है, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, बल्कि उनके स्वाद और गुणवत्ता में भी कमी है। तब उन्होंने सोचा कि क्यों न एक ऐसी ड्रिंक बनाई जाए, जो न केवल स्वादिष्ट हो, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो। गौरांग ने बताया, “हमने FOMO की शुरुआत कॉलेज के तीसरे साल में की थी। हमारा विचार था कि हम कुछ ऐसा बनाएं जो हमारे जीवनशैली को कंप्लीमेंट कर सके और साथ ही साथ गिल्ट-फ्री हो। हमने ताजगी से भरी और बिना किसी कंसंट्रेट वाली ड्रिंक्स बनाने का फैसला किया। गौरांग और अविक ने ठान लिया कि वे अपने उत्पाद में वास्तविक चाय के तत्वों को बनाए रखेंगे और शहद और खांड का उपयोग करके उसे मीठा करेंगे। इसके बाद उन्होंने इस उत्पाद के सैंपल्स बनाकर अपने कॉलेज DU में पेश किए, जहां उन्हें काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। उन्होंने तय कर लिया कि अब यही उनका भविष्य होगा।
गौरांग ने बताया, “FOMO की शुरुआत कॉलेज के तीसरे साल में की थी। हमारा विचार था कि हम कुछ ऐसा बनाएं जो हमारे जीवनशैली को कंप्लीमेंट कर सके और साथ ही साथ गिल्ट-फ्री हो। हमने ताजगी से भरी और बिना किसी कंसंट्रेट वाली ड्रिंक्स बनाने का फैसला किया।”
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संघर्ष और सफलता की कहानी
शुरुआत में, FOMO को लेकर दोनों युवाओं ने कई चुनौतियों का सामना किया। बिजनेस को स्थापित करने के लिए उन्होंने 32 लाख रुपये का निवेश किया, जिसमें से 16 लाख रुपये का अतिरिक्त निवेश उन्हें परिवार और दोस्तों से लेना पड़ा। उनकी मेहनत का फल उन्हें तब मिला जब उनके उत्पाद को दिल्ली के नामचीन रेस्टोरेंट्स जैसे ‘खान चाचा’ में भी जगह मिली। लेकिन बिजनेस की दुनिया में सब कुछ इतना आसान नहीं होता। उनके बड़े क्लाइंट्स ने पेमेंट टर्म्स पर डिफॉल्ट किया, जिससे उन्हें सर्वाइवेबिलिटी के लिए अपने बिजनेस को डाउनसाइज करना पड़ा।
- FOMO का सफर आसान नहीं था लेकिन उनके संकल्प और जुनून ने उन्हें कभी हार मानने नहीं दी। गौरांग ने कहा, “शार्क्स, हमारे आइसीज हिंदुस्तान के नामचीन रेस्टोरेंट्स जैसे डोज़ और खान चाचा में अवेलेबल हैं। हमारी ड्रिंक्स ने बहुत जल्दी ही लोगों के बीच लोकप्रियता हासिल की।”
FOMO की यूएसपी और मार्केट में स्थिति
FOMO की यूएसपी यह है कि यह ताजगी देने वाला, असली चाय के तत्वों से बना और नो-कंसंट्रेट पेय पदार्थ है। यह न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। हालाँकि, उनके उत्पाद की कीमत थोड़ी अधिक है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया है। उनके उत्पादों का 60% हिस्सा HORECA (होटल्स, रेस्टोरेंट्स, कैफेस) में बेचा जाता है, जबकि 30% रिटेल और 10% ऑनलाइन चैनल्स के माध्यम से।
निवेशकों का भरोसा
शार्क टैंक इंडिया में अपनी पिच के दौरान, गौरांग और अविक ने निवेशकों को अपने विचार और बिजनेस मॉडल से प्रभावित किया। उन्हें तीन शार्क्स से निवेश का प्रस्ताव मिला, जिसमें 35 लाख रुपये की निवेश राशि के बदले 6% इक्विटी की मांग की गई। हालांकि, गौरांग और अविक ने समझदारी से निर्णय लिया और अपने बिजनेस के लिए सही निवेशक का चयन किया।
भविष्य की योजनाएं
FOMO की भविष्य की योजनाओं में नए उत्पादों का विकास और बाजार में उनकी पहुंच को बढ़ाना शामिल है। वे न केवल आइस टी में, बल्कि अन्य फ्लेवर्ड शुगर डोमिनेंट कैटेगरीज में भी अपने उत्पादों को लाने की योजना बना रहे हैं। साथ ही, वे अपने उत्पाद की पहुंच को बढ़ाने के लिए नए डिस्ट्रीब्यूशन चैनल्स और तकनीकी साधनों का उपयोग करेंगे।
- अविक ने कहा, “हमने FOMO को इस तरह से बनाया है कि यह सिर्फ एक और बेवरेज ब्रांड न बनकर, बल्कि एक ऐसा ब्रांड बने, जो लोगों की जरूरतों और उनकी जीवनशैली को समझे।”
प्रोडक्ट की विशेषताएं:
FOMO की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें असली चाय के पत्तों का उपयोग किया जाता है, जिससे इसमें एक ताजगी और असली स्वाद आता है। इसके अलावा, इसमें किसी भी प्रकार का कंसंट्रेट नहीं होता है, जिससे यह अन्य ड्रिंक्स के मुकाबले कहीं अधिक हेल्दी और प्राकृतिक है।
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