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Quant Mutual Fund Front Running Case News Are They Safe Anymore? after 69% return in just 1 year

Mutual Funds: Are They Safe Anymore? The Recent Quant Mutual Fund Rs 2,800 crore exiting the fund Controversy Explained

Mutual Fund सही है पर क्या Mutual Funds सेफ है ऐसा सवाल अब रिसेंटली लोगों के दिमाग में आने लगा है और आए भी क्यों ना क्योंकि रिसेंटली म्यूचुअल फंड हाउसेस और डीलर से रिलेटेड काफी सारी न्यूज़ आ रही है और अनफॉर्चूनेटली उसमें से एक भी पॉजिटिव न्यूज़ नहीं है इसमें से एक न्यूज़ ऐसी है जिसकी बहुत सारी बातें हो रही हैं और वो है Quant Mutual Fund से रिलेटेड अभी दो हफ्ते पहले सेबी ने Quant Mutual Fund के मुंबई के प्रभादेवी ऑफिस में छापे मारी की साथ ही उन्हें Quant के एक बेनिफिशियरी अकाउंट के बारे में पता चला जो हैदराबाद में था वहां पर भी उन्होंने छापे मारी की अब ये बेनिफिशियरी अकाउंट क्या होता है इसके बारे में आगे बात करेंगे ही लेकिन उससे पहले मैं आपको असली बात बता दूं कि SEBI को ये शक है कि Qunat Mutual Fund ने शायद Front Running करके ₹ 20,00,00,000 करोड़ कमाए हैं अब रनिंग तो हमें पता है लेकिन ये फ्रंट रनिंग क्या होती है इसके बारे में भी इस आर्मेंटिकल में आज हम डिटेल में जानेंगे पर फिलहाल इस न्यूज़ के बाद जो इन्वेस्टर्स है वो पैनिक मोड में है सिर्फ 3 दिन के अंदर लोगों ने Quant Mutual Fund से अपने ₹1400 करोड़ withdraw / निकल लिए  हैं अब इसके बाद लोगों के मन में काफी सवाल है कि ये फ्रंट रनिंग क्या है क्या कंट म्यूचुअल फंड में हमें पैसा रखना चाहिए या फिर पूरा withdraw करना चाहिए क्या म्यूचुअल फंड वाकई में सुरक्षित है ऐसे कई सारे सवाल लोगों के दिमाग में अभी है और इसी चीज को लेकर काफी सारी खबरें सामने आई हैं और इसी के बाद हमने सोचा कि एक article यहां पर बनाना चाहिए ताकि हम सारे इन्वेस्टर्स को एजुकेट कर पाए कि आखिर ये मामला क्या है और इसका Solution क्या है और आपको पैसे रखने हैं नहीं रखने हैं उसके बारे में भी आपको Article के अंत तक पता चल जाएगा |

“Quant Mutual Fund faced its first weekly net outflows of 2024 in June’s final week, with Rs 2,800 crore exiting the fund. Allegations of front-running impacted the top five funds, leading to significant outflows and increased stakes in HDFC Bank and Reliance Industries.”

source : the economic times report

पहले बात करते हैं फ्रंट रनिंग के बारे में कि फ्रंट रनिंग आखिर होती क्या है तो फ्रंट रनिंग को समझने के लिए हमें म्यूचुअल फंड के स्ट्रक्चर को समझना पड़ेगा तो मोटा- मोटी अगर आपको बता दूं तो म्यूचुअल फंड जो कंपनी है mutual Fund House है उसमें तीन मेन सेगमेंट्स आती है पहला होता है

“फंड मैनेजर” फंड मैनेजर मतलब वो व्यक्ति जो डिसाइड करता है कि कौन से Shares खरीदने हैं कब खरीदने हैं कौन से बेचने और कब बेचने हैं अगर वो Equity Mutual Fund है तो और अगर Debt mutual Fund है तो कौन सा BOND खरीदना है कब खरीदना है कब बेचना है वगैरह दूसरा होता है

“डीलर” डीलर का काम ये होता है कि फंड मैनेजर ने जो भी स्टॉक्स खरीदने बोला है उनका एग्जीक्यूशन करवाना या फिर जो स्टॉक बेचने बोला है उनका एग्जीक्यूशन करवाना और तीसरा होता है

“ब्रोकर” तो डीलर सबसे पहले ऑर्डर प्लेस करने के लिए ब्रोकर को देता है और फिर फाइनली ब्रोकर वो ऑर्डर प्लेस करता है अब देखिए जब भी म्यूचुअल फंड किसी कंपनी का शेयर खरीदता है 

जैसे उदहारण के लिए XYZ कंपनी का शेयर खरीदता है तो बहुत बड़ी मात्रा में खरीदता हैं क्योंकि FUND  HOUSE का पैसा बहुत बड़ा है उनके पास इतनी बड़ी मात्रा में जब वो शेयर्स खरीदेंगे तो जाहिर सी बात है कि शेयर का दाम थोड़ी बहुत चढ़ जाएगी 1 % , 2% या 3% अब ये जो चीज है ये म्यूचुअल फंड मैनेजर्स डीलर्स और ब्रोकर्स तीनों भली भाती जानते हैं और यहां पर रिस्क भी कुछ नहीं है  सिधी सी बात है कि डिमांड अचानक से बढ़ जाएगी तो प्राइस तो बढ़नी है तो फ्रंट रनिंग में क्या होता है कि इन तीनों में से एक या एक से ज्यादा पार्टी जब इनको यह पता चलता है कि कंपनी या म्यूचुअल फंड हाउस          ( A, B, C, D ) स्टॉक खरीदने जा रहा है तो ये लोग पहले ही उस स्टॉक को खरीद लेते हैं अब देखिए ये लोग भी बड़े इंटेलिजेंट होते हैं खुद के अकाउंट से तो नहीं खरीदेंगे क्योंकि  तुरंत वो म्यूचुअल फंड कंपनी या फिर SEBI उनको पकड़ लेगी तो ये लोग बड़े स्मार्ट हो गए ये लोग क्या करते हैं खुद का अकाउंट कभी यूज नहीं करेंगे शेयर्स खरीदने के लिए अपने रिश्तेदारों का कर सकते हैं अपने दोस्तों का करते हैं या फिर कई बार ये अकाउंट Rent (कराए) पर भी लेते हैं अब आप पढ़कर थोड़े चकित हो जाएंगे कि अकाउंट किराये  पर भी मिलता है हां कुछ कमीशन लेकर कई सारे लोग ऐसे भी है मार्केट में जो अपना डीमेट अकाउंट को किराये पर देते हैं और उसके बदले में कुछ कमीशन लेते हैं तो इनमें से किसी भी एक तरीकें के साथ ये लोग आगे बढ़ते हैं और शेयर्स खरीद लेते हैं पहले ही शेयर्स खरीदने के बाद फिर जो म्यूचुअल फंड हाउस की जो ऑर्डर है उसे प्लेस करेंगे
इतनी बड़ी ऑर्डर प्लेस होने के बाद शेयर प्राइस 1%,  2%,  3%  ऊपर चली जाएगी जैसे ही प्राइस ऊपर चली जाएगी शेयर्स बेच के Exit ले लेंगे तो ऐसे प्रॉफिट कमाने का तरीका अपनाते हैं क्योंकि प्राइस ऊपर ही जानी है बिलकुल कुछ सेकंड या कुछ मिनट पहले ये खरीद लेते हैं और प्राइस ऊपर गई तो तुरंत बेच दिया तो कई बार इसी तरह की चीजें होती है और ये जो किराए के अकाउंट्स होते हैं ना इन्हें बेनिफिशियरी अकाउंट कहा जाता है अब ऐसे ही बेनिफिशियरी अकाउंट के बारे में पता चला है Quant Mutual Fund के केस में जो हैदराबाद में अभी छापे पड़े हैं वो उसी सस्पेक्टेड बेनिफिशियरी के लोकेशन पे पड़े हैं पर SEBI की तरफ से यह अभी तक क्लियर नहीं है कि इसमें फंड मैनेजर शामिल है या डीलर शामिल है या फिर ब्रोकर कुछ भी क्लियर नहीं है पर अगर इसमें फंड मैनेजर का नाम सामने आता है तो चीजें काफी सीरियस हो जाएगी पर आपको बता दूं कि सेबी जनरली किसी भी इन्वेस्टिगेशन को एक या दो साल लगाती है तो इस चीज पर जो फाइनल चीज आएगी वो एक 2 साल बाद ही पता चलेगी |

इस न्यूज़ के आने के बाद फिर तीन दिनों में ही लोगों ने ₹1400 करोड़ रुपये withdraw कर लिए गए अगर हम पीछे की बात करें तो यह वाकया होने से पहले Quant Mutual Fund पिछले कुछ समय में भारत का तेजी से बढ़ने वाला म्यूचुअल फंड हाउस रहा है मतलब आपको बता दूं कि इसका जो स्माल कैप फण्ड है वो बहुत तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि उसने पिछले एक साल में 69% का रिटर्न दिया है जो कि बहुत बड़ी बात है और बहुत हैरानी भरी भी है |

Quant mutual fund front running case

और सिर्फ एक साल की बात नहीं पिछले 5 साल में इनके स्मॉल कैप फंड ने कंपाउंडेड सालाना 43-45% के रिटर्न दिए हैं जो कि स्टॉक मार्केट अनुभवी भी कई बार नहीं कमा पाते हैं |

quant mutual fund news by tradesee.in

और इसी के चलते इनकी Popularity बढ़ने लगी 2019 में इनके पास ज्यादा से ज्यादा 100 करोड़ का AUM (ASSET UNDER MANAGMENT) था यानी हार्डली ₹100 करोड़ ये मैनेज करते थे |

लेकिन आज के समय में करीब ₹ 90,000 करोड़ तक पहुच गया हैं अब इस फंड के जो मैनेजर है संदीप टंडन वो पहले ICICI SECURITIES और IDBI CAPITAL में भी काम कर चुके हैं 25 साल का इनका एक्सपीरियंस है और इनका एक्सपीरियंस देखकर भी कई सारे लोगों ने इस फंड में पैसा डाला है और सिर्फ खुद ही इन्वेस्ट नहीं किया लोगों ने ने दूसरों से भी पैसा इन्वेस्ट करवाया है इन फंड्स में इतनी पॉपुलर थी इस फंड की और फिर इस तरह की जब न्यूज़ आती है तो ऑफकोर्स लोग डर जाते हैं और अपना सारा पैसा निकाल लेते हैं |

फ्रंट रनिंग तो आपने समझ लिया एक इंटरेस्टिंग चीज भी बताता हूं कि कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि फ्रंट रनिंग इसको नाम क्यों पड़ा क्योंकि कई सारे ब्रोकर जब उनके पास ये इंफॉर्मेशन आ जाती थी पहले ऑफलाइन मार्केट था तब तो ये लोग भागते-भागते अपनी ऑर्डर जाकर पहले प्लेस कर देते थे और फिर जो बड़ी ऑर्डर है अपने क्लाइंट की वो प्लेस करते थे तो इसीलिए पहले जाकर भागना फ्रंट रनिंग इसका नाम पड़ा ऐसा कुछ सूत्रों का कहना है |

अब दिलचस्प प्रश्न ये आता है कि आपको पैसा रखना चाहिए या फिर नहीं रखना चाहिए लेकिन उससे पहले कुछ और चीजें मैं आपको बताना चाहूंगा जो आपकी पूरी तरह से आंखें खोल देंगी क्योंकि आप में से बहुत सारे लोग QUANT MUTUAL FUND से पैसा निकाल लिया किसी और फंड में डाल दिया पर वो करने से पहले एक बार यह बात सुन लीजिए ऐसा नहीं कि ये फ्रंट रनिंग की केस किसी म्यूचुअल फंड कंपनी पर पहली बार हो रही है इससे पहले भी यह कई बार हुआ हैं, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में तो एक कहावत भी है कि दो तरह की कंपनीज होती हैं पहली वो जिन पर फ्रंट रनिंग के चार्जेस लग चुके हैं और दूसरे वो जो अभी तक पकड़े नहीं गए हैं क्योंकि जो फ्रंट रनिंग के केस है यह म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बहुत ही आम बात हो चुकी है

AXIS MUTUAL FUND पर भी FRONT RUNNUNG का लग चूका हैं आरोप :

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जैसे कि आप में से कई सारे लोगों ने AXIS MUTUAL FUND के फ्रंट रनिंग केस के बारे में सुना ही होगा लगभग 2 साल पहले का यह मामला है इसमें एक्सेस म्यूचुअल फंड के विरेन जोशी और उनके साथ 20 लोगों पर अलग-अलग चार्जेस लगे और ₹ 30 करोड़ का फाइन उन पर SEBI ने लगाया था इन लोगों ने बहुत पैसा कमाया इन्होंने बहुत बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़िया ली  जैसे की LAMBORGINIऔर इसके बाद AXIS म्यूच्यूअल फण्ड की प्रदर्शन काफी खराब होती चली गई उनका जो AUM हैं वो हमेशा धीरे-धीरे कम ही होता चला गया और उनकी कई सारी म्यूचुअल फंड स्कीम्स बाद में बेंचमार्क को भी बीट नहीं कर पाए |

HDFC MUTUAL FUND भी पीछे कहा ?

HDFC MUTUAL FUND FRONT RUNNING CASE TRADESEE STOCK MARKET NEWS

Axis अकेला नहीं है HDFC MUTUAL FUND में भी ऐसा कुछ हुआ था जहां पर फ्रंट रनिंग करके ₹ 3.5 करोड़ कमाए गए थे जिसके बाद SEBI और HDFC में सेटलमेंट हुआ था हुबहू  फिर HDFC का भी जो AUM है उनका भी जितना पैसा मैनेज कर रहे हैं वो अमाउंट भी थम सी जाती है और जिस तेजी से HDFC का AUM बढ़ रहा था वो तेजी कही न कही काफी धीमी हो गयी

DWS MUTUAL FUND ( DHFL Pramerica Balanced Advantage Fund) पर भी लग चूका हैं यही आरोप 

DWS mutual fund FRONT RUNNINF CASE NEWS BY TRADESEE.IN

Deutsche Mutual Fund (DHFL Pramerica Mutual Fund) फ्रंट-रनिंग केस (दिसंबर 2021): फंड मैनेजर आकाश सिंघानिया और उनके माता-पिता ने सेबी के साथ ₹5 करोड़ का भुगतान करके मामला सुलझाया।

Reliance Capital Mutual Fund पर भी य केस हुआ था | तो ऐसी घटना पहली बार तो नही हैंऔर आखिरी बार भी नहीं हैं अगर आप एक \Mutual Fund से पैसा निकालकर अभी दूसरे म्यूचुअल फंड स्कीम में डालने का सोच रहे हो तो उसमें भी आपको सतर्क होना पड़ेगा क्योंकि कहीं आप ऐसे म्यूचुअल फंड में अगेन पैसा ना डालें जिस पर पिछे में कुछ फ्रंट रनिंग के या इससे रिलेटेड चार्जेस लगे हो |

क्या सच में कठिन हैं ? साफ-सुथरी Mutual Fund House को चुनने में 

क्लीन म्यूचुअल फंड ढूंढना आज के डेट में एक बहुत ही चैलेंजिंग टास्क है तो आपको ऐसे म्यूचुअल फंड हाउसेस देखने पड़ेंगे जिन पर इस तरह के चार्जेस नहीं लगे हैं अब ऐसे कई सारे लोग हैं जो पहले HDFC में इन्वेस्ट किया करते थे HDFC में  फ्रंट रनिंग का केस आया उन्होंने AXIS में इन्वेस्ट किया AXIS म्यूचुअल फंड में वहां पर फ्रंट रनिंग का केस आया वो लोग अभी QUANT में चले गए अब  QUANT में फ्रंट रनिंग का केस आया अब लोग कहां जाए ये बड़ा प्रश्न हैं अब यह बताने से पहले आपको बता दूं कि ये चीजें रिपीट मोड में क्यों हो रही है और दूसरा यह फ्रंट रनिंग की वजह से इन्वेस्टर्स को कितना नुकसान होता है दोनों चीजें समझनी जरूरी है तो उत्तर बड़ा ही सरल है कि कड़ा एक्शन अभी तक किसी पर नहीं हुई है दो-तीन साल SEBI इन्वेस्टिगेशन करती है उनको पकड़ लेती है उसके बाद एक सेटलमेंट हो जाता है और उसके बाद फिर से वही सारी चीजें चलने लगती है अगर इसी तरह की चीजें होने लगी तो सभी को यह समझना भी जरूरी है कि लोगों के मन के अंदर अगर डर का माहौल पैदा हो गया म्यूचुअल फंड की वजह से तो पूरी इकॉनमी के लिए वो अच्छी चीज नहीं है क्योंकि अधिकतर जो म्यूचुअल फंड स्कीम्स वो EQUITY म्यूचुअल फंड स्कीम है जिनका पैसा शेयर मार्केट में जाता है जो इकोनॉमी का रीड की हड्डी  है कंपनीज को पैसा मिलता है वहां से अपना बिजनेस बिस्तार करने के लिए तो वो एक बहुत जरुरी श्रोत है तो उस पर कुछ आच ना आए इसलिए सारे जो प्लेयर्स हैं इंडस्ट्री में उनको कुछ ऐसी चीजें लाने की जरूरत है जिससे इस तरह की चीजें बार-बार ना हो ताकि इन्वेस्टर का आत्मविशवास डगमगा ना जाए क्योंकि आप कल्पना कीजिए कुछ आम इन्वेस्टर ₹1400 करोड़ 3 दिन में अंदर निकाल रहे हैं  क्योंकि कोई क्लेरिफिकेशन नहीं है कि क्या प्रभाव इस चीज का है कैसे होता है फ्रंट रनिंग क्या होती है तो हमे लगता हैं इसके बारे में सभी को सही जानकारी देना जरूरी है और एक और महत्वपूर्ण चीज आपको बताना चाहूंगा कि फ्रंट रनिंग की वजह से निवेसको को कुछ बड़ी हानि नहीं होती है लेकिन फिर भी यह अनैतिक क्रिया है जो कि पूरी तरह से गैरकानूनी है और कई बार यह भी पाया गया है कि म्यूचुअल फंड कंपनी को उसके बारे में नहीं पता कि फ्रंट रनिंग चल रही है और म्यूचुअल फंड कंपनी को ही नहीं पता ऐसा भी हो सकता है तो अभी एक चीज तो साफ है कि जिस हिसाब से लोगों ने पैसा निकाला है QUANT से तो बाकी जो म्यूचुअल फंड हाउसेस हैं वो अभी सतर्क हो जाएंगे डर से क्योंकि बिजनेस बढ़ाना है तो हमें सारी चीजें बढ़िया रखनी पड़ेगी तो इसीलिए आप ऐसे म्यूचुअल फंड हाउसेस चुन सकते हो जिनके फंड मैनेजर्स अच्छे हो जिनका ब्रांड नेम व पहचान अच्छी है वैसे कहा जाए तो HDFC और AXIS भी अच्किछे ब्रांड थे  हम जैसे जो आम इन्वेस्टर्स हैं उनको कुछ ना हो इसके लिए सेबी ने काफी सारे नियम लगाए हैं तो यहां पर कुछ बड़ा फ्रॉड होना थोड़ा मुश्किल नहीं है अब शेयर मार्केट में जो व्यक्तिगत कंपनियां कई सारी कंपनी होती है किसी में कुछ होता रहता है किसी में कुछ होता है लेकिन उसके अपेक्षाकृत अगर हम म्यूचुअल फंड कंपनीयां देखें तो ज्यादा रेगुलेटेड है तो आपका फिर फोकस वही होना चाहिए कि अच्छा फंड मैनेजर हो अच्छी कंपनी हो उससे आप जुड़ेंगे तो ज्यादा दिक्कतें नहीं होगी बाकी फ्रंट रनिंग को रोकने वाली चीज है तो वो तो मुझे अभी भी बहुत मुश्किल लगती है उसे रोकने के लिए क्या कर सकता है SEBI और क्या कर सकता है AMFI (Association of Mutual Funds in India)  मतलब जितना लोग डर रहे हैं उतना डरने की जरूरत नहीं है आपके पैसों को ज्यादा कुछ नहीं होगा या पैसे भी डूब नहीं जाएंगे क्योकि इसके बारे में SEBI काफी कठोर है अलग-अलग नियम कानून उन्होंने लगाए हैं लेकिन ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है आप चीजों को थोड़ा निरिक्षण कीजिए और फ्रंट रनिंग में कई बार म्यूचुअल फंड हाउसेस का भी ज्यादा कंट्रोल नहीं होता है लेकिन अगर उसमें फंड मैनेजर की भी मिलीभगत है तो वो काफी ख़तरनाक है अगर उसमें डीलर मिला हुआ है ब्रोकर की साठ-गाठ है तब तक तो ठीक है लेकिन अगर उसमें फंड मैनेजर की मिलीभगत है तो यह काफी खतरनाक चीज हैं अभी तक जो भी चीजें आई है फ्रंट रनिंग की केस में उसमें एक चीज हाईलाइट करना चाहूंगा कि ज्यादातर केस में डीलर ही सामने आए डीलर लोगों ने कार्यक्रम कर दिया AXIS में भी डीलर ने कर दिया और डीलर के करने की संभावना भी ज्यादा होती हैं तो आप इन्वेस्टमेंट को जारी रकः सकते हैं लेकिन अगर आप फ्रंट रनिंग के आधार पर म्यूचुअल फंड का चुनाव करेंगे तो बहुत ही कम ऐसे फंड्स हैं जो आपको मिलेंगे और फ्यूचर में भी अगर उनका भी नाम आ गया तो फिर म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना काफी मुश्किल हो जाएगा तो जहां तक रिटर्न्स की बात है अच्छे रिटर्न्स की बात है तो फंड मैनेजर का नाम नहीं है फ्रंट रनिंग की केस में और फिर आप सुनिश्चित किजिए कि उस फंड मैनेजर का कभी किसी चीज में नाम ना आया हो तो ऐसे कई सारे फंड मैनेजर हैं मार्केट में कई सारे हैं ज्यादा डरिए मत और हौसले के साथ अपना इन्वेस्टमेंट जारी रखिए और QUANT के केस में थोड़ा सब्र रखना पड़ेगा आपको करना पड़ेगा कि फंड मैनेजर का या फिर कंपनी के जो टॉप मैनेजमेंट के लोग हैं संदीप टंडन वगैरह उनका नाम कहीं जुड़ता है कि नही अगर जुड़ता है तो आप अपना मन बना सकते हैं किसी और MUTUAL FUND  HOUSE के लिए अगर  फंड मैनेजर का नाम नहीं है और डीलर करता है ये चीज तो आप अपनी  इन्वेस्टमेंट को जारी रख सकते हैं

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