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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024: डोनाल्ड ट्रम्प और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव 2024 की गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है, जहां पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। एसोसिएटेड प्रेस (AP) द्वारा जारी ताजा नतीजों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प फिलहाल 230 इलेक्टोरल वोट्स के साथ बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि कमला हैरिस 210 इलेक्टोरल वोट्स पर हैं। अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 270 इलेक्टोरल वोट्स की आवश्यकता होती है, जो इस चुनाव को और भी अधिक रोमांचक बना रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024

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मतगणना का वर्तमान आंकड़ा

चुनाव में अब तक की मतगणना के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रम्प को 6,37,63,163 वोट (51.1%) मिले हैं, जबकि कमला हैरिस को 5,92,24,667 वोट (47.5%) प्राप्त हुए हैं। हालांकि, मतों का यह प्रतिशत आगे भी बदल सकता है क्योंकि कुछ बैटलग्राउंड स्टेट्स की गिनती अभी बाकी है।

बैटलग्राउंड स्टेट्स की भूमिका

अमेरिकी चुनावों में बैटलग्राउंड स्टेट्स का विशेष महत्व होता है। पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, जॉर्जिया, और एरिज़ोना जैसे राज्यों में दोनों पार्टियों का समर्थन लगभग बराबर होता है, और यह राज्य निर्णायक साबित होते हैं। इन राज्यों का परिणाम अक्सर चुनाव के अंत में ही आता है, क्योंकि यहां मतगणना लंबी प्रक्रिया में चलती है। वर्तमान में इन राज्यों की गिनती पूरी नहीं हुई है, और इसके परिणाम किसी भी समय ट्रम्प या हैरिस के पक्ष में पलट सकते हैं।

कमला हैरिस की ऐतिहासिक उम्मीदें

कमला हैरिस के लिए यह चुनाव ऐतिहासिक होने का मौका है। यदि वह जीतती हैं, तो वह अमेरिका की पहली महिला, पहली अश्वेत महिला और पहली एशियाई-अमेरिकी राष्ट्रपति बनेंगी। इस चुनाव में हैरिस ने महिलाओं के अधिकारों, स्वास्थ्य सेवाओं, और मध्यम वर्ग के लिए करों में कटौती जैसे मुद्दों पर जोर दिया है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा, विशेषकर गर्भपात के अधिकार को मजबूत करने के वादे किए हैं। हैरिस के अभियान का मुख्य फोकस एक समावेशी और न्यायपूर्ण अमेरिका बनाने पर रहा है। उन्होंने अपनी रैलियों में आर्थिक विषमता को कम करने, रोजगार सृजन, और स्वास्थ्य सुविधाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने की बात की है।

डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी का अवसर

डोनाल्ड ट्रम्प इस चुनाव में एक अनोखा इतिहास रच सकते हैं। यदि वह जीतते हैं, तो वह अमेरिका के इतिहास में दूसरे ऐसे व्यक्ति होंगे जो गैर-लगातार अवधि में राष्ट्रपति चुने जाएंगे। ट्रम्प ने अपने चुनावी अभियान में अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, ऊर्जा की कीमतें कम करने और प्रवासी नीति को सख्त करने जैसे मुद्दों पर जोर दिया है। ट्रम्प का मुख्य समर्थन आधार उन लोगों में है जो मानते हैं कि उनकी सख्त नीतियों से अमेरिका में विदेशी हस्तक्षेप कम होगा और देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।

ट्रम्प ने चुनावी रैलियों में अपने समर्थकों को यह भी आश्वासन दिया है कि अगर वह सत्ता में आते हैं, तो अमेरिका में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, व्यापारियों के लिए नई योजनाएं बनाई जाएंगी और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। ट्रम्प की लोकप्रियता में यह स्पष्ट नजर आ रहा है कि उनके समर्थक उनकी कठोर विदेश नीति और “अमेरिका फर्स्ट” की नीति को लेकर उत्साहित हैं।

चुनाव परिणाम का वैश्विक प्रभाव

अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। अमेरिका की नीतियाँ दुनिया भर के देशों पर गहरा प्रभाव डालती हैं, चाहे वह आर्थिक क्षेत्र हो, सुरक्षा हो, या फिर अंतरराष्ट्रीय संबंध। यूरोप, एशिया, मध्य पूर्व, और अफ्रीका के देशों में इस चुनाव के परिणामों पर गहरी नजर रखी जा रही है।

यूरोपीय देश यह देख रहे हैं कि ट्रम्प के चुने जाने पर नाटो जैसे संगठनों में अमेरिका की भूमिका किस प्रकार बदल सकती है, जबकि एशियाई देशों के लिए यह देखना महत्वपूर्ण है कि चीन और रूस के साथ अमेरिका का रुख कैसा रहेगा। वहीं मध्य पूर्व के देश अमेरिका की विदेश नीति में संभावित बदलावों को लेकर चिंतित हैं, खासकर ईरान जैसे देशों के लिए यह देखना महत्वपूर्ण है कि ट्रम्प की कठोर नीति जारी रहती है या हैरिस की संयमित नीति लागू होती है।

चुनावी रुझानों में मुख्य मुद्दे

इस चुनाव में मतदाताओं के लिए मुख्य मुद्दों में आर्थिक संकट, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, और महिलाओं के अधिकार प्रमुख रहे हैं। अमेरिकी नागरिक इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं, खासकर कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत से लोग चिंतित हैं। दोनों उम्मीदवारों ने अपने-अपने घोषणापत्र में इन मुद्दों पर जोर दिया है।

कमला हैरिस जहां मध्यम वर्ग के लिए करों में कटौती, स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने, और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा पर जोर दे रही हैं, वहीं ट्रम्प व्यापारियों और उद्योगपतियों के लिए बड़े अवसरों और विदेशी नीति में सख्ती की वकालत कर रहे हैं।

अमेरिका की नई दिशा

अमेरिका का यह चुनाव देश की नई दिशा निर्धारित करेगा। दोनों उम्मीदवारों की प्राथमिकताएँ और नीतियाँ बिलकुल अलग हैं। जहां हैरिस एक न्यायपूर्ण और समान अवसरों वाले अमेरिका की बात करती हैं, वहीं ट्रम्प एक सशक्त और आत्मनिर्भर अमेरिका की बात करते हैं।

अमेरिकी जनता के लिए यह चुनाव केवल एक राष्ट्रपति चुनने का नहीं, बल्कि देश के भविष्य के प्रति एक नई दृष्टि का चुनाव है। अमेरिका में बढ़ती राजनीतिक ध्रुवीकरण के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस दिशा में जाने का निर्णय करती है।

चुनाव के बाद की स्थिति भी बेहद महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि दोनों उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार के दौरान इस बात का संकेत दिया है कि वे अपने-अपने समर्थकों के साथ कड़ी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

अमेरिका में बदलाव की इस घड़ी पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं, और जल्द ही यह साफ हो जाएगा कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा और देश किस दिशा में आगे बढ़ेगा।

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