हिंडनबर्ग के नए आरोपों से शेयर बाजार में हलचल की आशंका, लेकिन बड़ी गिरावट की संभावना कम
नई दिल्ली: अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों में दावा किया गया है कि बुच दंपति का अडानी समूह के कथित धन शोधन घोटाले में संदिग्ध विदेशी कंपनियों के साथ संबंध था। इस घटनाक्रम के बाद भारतीय शेयर बाजार में हलचल की आशंका बढ़ गई है। हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इन आरोपों का बाजार पर केवल मामूली शॉर्ट टर्म असर होगा और बड़ी गिरावट की संभावना कम है।
शेयर बाजार में संभावित हलचल
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए इन आरोपों के बाद बाजार में कुछ बिकवाली हो सकती है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में कुछ शॉर्ट टर्म निवेशकों की तरफ से बिकवाली का दबाव देखने को मिल सकता है। हालाँकि, अधिकांश विश्लेषकों का कहना है कि बाजार की दीर्घकालिक स्थिरता पर इन आरोपों का कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं होगा।
बाजार की शुरुआती प्रतिक्रिया
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा का मानना है कि सोमवार को शुरुआती कारोबार में बाजार में थोड़ी गिरावट देखी जा सकती है, क्योंकि ये आरोप मौजूदा SEBI प्रमुख के खिलाफ हैं। हालांकि, बाजार में जल्द ही सुधार की संभावना भी जताई जा रही है। बालिगा ने कहा, “शेयर बाजार में स्थिरता बनी रहेगी, और निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है।” उन्होंने बताया कि यह मामला सेबी के आंतरिक संचालन से संबंधित है, जिससे बाजार पर स्थायी असर की संभावना कम है।
दीर्घकालिक निवेशकों का भरोसा
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की दीर्घकालिक स्थिरता उन निवेशकों पर निर्भर करती है जो बाजार में भरोसा रखते हैं और अपनी पोजीशन बनाए रखते हैं। अगर दीर्घकालिक निवेशकों का भरोसा बना रहता है, तो बाजार जल्द ही इस अस्थिरता से उबर सकता है। वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के इक्विटी रणनीति निदेशक क्रांति बाथिनी ने कहा, “बाजार धारणा पर केवल अल्पकालिक प्रभाव हो सकता है, लेकिन इसके बाद बाजार में तेजी आने की संभावना अधिक है।”
हिंडनबर्ग के आरोप और सेबी की प्रतिक्रिया
हिंडनबर्ग रिसर्च ने SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर अडानी समूह के संदिग्ध धन शोधन गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि SEBI ने अडानी समूह के खिलाफ कोई सार्वजनिक कार्रवाई नहीं की और इसके बजाय अमेरिकी शॉर्ट सेलर को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बुच दंपति ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है और कहा है कि उनका जीवन और वित्तीय रिकॉर्ड पूरी तरह से पारदर्शी है और जांच के लिए खुला है।
निष्कर्ष
अधिकांश बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों का भारतीय शेयर बाजार पर सीमित प्रभाव होगा। जबकि कुछ शॉर्ट टर्म निवेशक इससे प्रभावित हो सकते हैं, दीर्घकालिक निवेशकों का भरोसा बाजार में बना रहेगा। इस प्रकार, बाजार में बड़ी गिरावट की संभावना बेहद कम है और निवेशकों को इस घटनाक्रम से घबराने की आवश्यकता नहीं है।
बाजार की स्थिरता इस बात पर निर्भर करेगी कि निवेशक इन आरोपों को किस प्रकार से देखते हैं। हिंडनबर्ग के ताजा आरोपों के बाद बाजार में कुछ अल्पकालिक अस्थिरता देखने को मिल सकती है, लेकिन बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार जल्द ही इस हलचल से उबर जाएगा। यह मामला सेबी के आंतरिक संचालन से संबंधित है, इसलिए बाजार पर स्थायी असर की संभावना नहीं है।